- भूयांत्रिकी और मटीरियल विज्ञान संबंधी समस्याओं को लेकर सलाह प्रदान करना जो कि केन्द्रीय व राज्य सरकारी संगठनों हेतु है यथा केन्द्रीय जल आयोग, केन्द्रीय विद्युत बोर्ड, मंत्रालय/भारत सरकार संबंधी विभाग, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थान आदि। इस प्रकार की सेवाएं निजी औद्योगिक क्षेत्रों को उस स्थिति तक प्रदान की जाती है जब तक वे इस प्राथमिक स्थिति से ऊपर नही आ जाती।
- जियोमैकेनिक्स और निर्माण सामग्री संबंधी सलाह अन्य देशों को प्रदान करना और इस हेतु जल व विद्युत परामर्शी सेवाएं (वाप्कोस – जल एवं शक्ति परामर्श सेवा) व अन्य समकक्ष सरकारी संगठनों को माध्यम बनाना जो कि उन देशों में कार्यरत हैं।
- जियोमैकेनिकल निरीक्षण और अनुसंधान जो कि क्षेत्रीय संस्थानों के लिए किया जाता है जैसे संयुक्त राष्ट्र, एशियाई विकास बैंक आदि।
Last Updated Date: Sep 26 2017 2:59PM