केन्द्रीय मृदा व सामग्री अनुसंधान शाला (CSMRS), जो कि जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय का एक संबद्ध कार्यालय है, यह देश में प्रमुख संस्थान है जो कि दिल्ली में स्थित है, यहां पर प्रयोगशाला अन्वेषण, आधारभूत व अनुप्रयुक्त अनुसंधान और भूतकनीकी अभियंत्रिकी संबंधी समस्याओं, निर्माण सामग्री और संबद्ध क्षेत्रों के बारे में अध्ययन किया जाता है जो कि नदी घाटी परियोजनाओं से संबंधित है और जिनका कार्यक्षेत्र भारत और पडोसी देश हैं जैसे नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, म्यांमार आदि।
प्रमुख रुप से, केन्द्रीय, राज्य सरकार की एजेन्सियां और सार्वजनिक क्षेत्रों के संस्थानों द्वारा बहुमंजिला इमारतें, थरमल व न्यूक्लियर पावर स्टेशन्स आदि का कार्यभार सम्हाला है और ये मुख्य रुप से सी एस एम आर एस के सदस्य हैं। मुख्तः अनुसंधान शाला की गतिविधियाँ निम्न क्षेत्रों में है:
- मृदा यांत्रिकी
- मृदा गति विज्ञान
- पाटन पत्थर प्रौधोगिकी
- नदी घाटी परियोजनाओं में उपयोग हेतु भूसंश्लेषण का अध्ययन
- अपारगाम्य कोर सामग्री संबंधी रसायन
- वर्तमान जलीय संरचनाओं को ढांचों की सुरक्षा आकलन
- उप सतहीय खोज
- निर्माण सामग्री संबंधी श्रेणीकरण
- कांक्रीट मिश्रण की बनावट
- क्षार रोड़ी प्रतिक्रिया
- नवीन निर्माण तकनीक
- जल गुणवत्ता
- निर्माण सामग्री का रसायन
- रासायनिक ग्राउट्स संबंधी अध्ययन
- यथास्थान, पत्थरों संबंधी तनाव गणना
- यथास्थान पत्थरों के आकार बदलने संबंधी विशेषताएं
- भूभौतिकी अन्वेषण
- नवीन एवं वर्तमान संरचनाओं का भूंतकनीकी यांत्रिकरण
- यंत्र निर्माण, मरम्मत एवं अनुरक्षण
- संख्या विश्लेषण
- पुस्तकालय व दस्तावेजीकरण केन्द्र
- इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौधोगिकी
- ब्यूरो ऑफ भारतीय मानक संहिता संबंधी समीक्षा
- सूचना का प्रसार
- इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना तकनीक