डेटाबेस तैयार करना और एक सूचना केन्द्र के रुप में काम करना जिससे भूयांत्रिकी, कांक्रीट तकनीक और निर्माण सामग्री संबंधी समस्याओं को अपने पुस्तकालय और दस्तावेज केन्द्र के माध्यम से सुलझाया जा सके, साथ ही इस जानकारी के प्रसार का कार्य करने हेतु गतिविधियां करना, जैसे कार्यस्थल पर कार्यशालाएं, गोष्ठियां, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन, सामग्री प्रकाशन आदि।